वक्तने किया क्या हसीं सितम
मूळ
हिंदी गीतः कैफ़ी आझमी, संगीतः सचिनदेव बर्मन, गायिकाः गीता दत्त
चित्रपटः कागझ के फूल, सालः १९५९, भूमिकाः गुरूदत्त, वहिदा रहेमान
चित्रपटः कागझ के फूल, सालः १९५९, भूमिकाः गुरूदत्त, वहिदा रहेमान
॥धृ॥
|
वक्तने किया क्या हसीं सितम
तुम रहे न तुम, हम रहे न हम |
किती आवडिचा
त्रास, काळ देतसे
तू न राहिलास तू, मी न मीही राहिले |
॥१॥
|
बेकरार दिल इस तरह मिले
जिस तरह कभी हम जुदा न थे |
अधीर मने
पहा, भेटती अशी
जणू कधी न ती, राहली सुटी |
॥२॥
|
तुमभी खो गये, हमभी खो गये
एक राहपर चलके दो कदम |
तूही
हरपलास, मीही हरवले
क्रमून एक वाट, दोन पावले |
॥३॥
|
जायेंगे कहां सुझता नही
चल पडे मगर रास्ता नही |
जायचे
कुठे, ते न मुळी सुचे
चाललो पुढे, नच वाट सापडे |
॥४॥
|
क्या तलाश है कुछ पता नही
बुन रहे है दिन, ख्वाब दम-ब-दम |
काय शोधतो, माहितही नसे
स्वप्न विणत दिस, श्वास एक एक |