मूळ पंजाबी गीतकार: प्रेम धवन, संगीत: सलील चौधरी, गायक: रफी, बलबीर
चित्रपट: जागते रहो, साल: १९५६, भूमिका: राज कपूर, नर्गीस, प्रदीपकुमार, मोतीलाल
मराठी अनुवाद: नरेंद्र गोळे २००७०१११
धृ
|
ऐवें दुनिया देवे दुहाई झूठा पांवदी शोर
अपने दिल ते पूछ
के देखो कौन नहीं है चोर ते कि मैं झूठ बोलया? कोई ना! ते कि मैं कुफ़र
तोलिया? कोई ना! ते कि मैं ज़हर
घोलिया? कोई ना! भई कोई ना!! भई कोई ना!!!
|
अशी सदिच्छा करते दुनिया खोटा पावे जोर मनास आपल्या पुसून ठेवा कोण नसतो चोर काय मी खोटे बोलतो? मुळी ना! काय मी निंदा करतो? मुळी ना! काय मी विष घोळतो? मुळी ना! जी मुळी ना!! जी मुळी ना!!!
|
१
|
हक़ दूजे दा मार-मार के बणदे लोग अमीर
मैं ऐनूं कहेंदा
चोरी दुनिया कहंदी तक़दीर
ते कि मैं झूठ
बोलया? कोई ना!
ते कि मैं कुफ़र
तोलिया? कोई ना!
ते कि मैं ज़हर
घोलिया? कोई ना! भई कोई ना!! भई कोई ना!! ओ हट के! प्राजी बच के!!
|
एक-दुसर्याला मार-मारुनी, बनती लोक अमीर आहे मी ही चोरी म्हणतो, दुनिया म्हणत नशीब काय मी खोटे बोलतो? मुळी ना! काय मी निंदा करतो? मुळी ना! काय मी विष घोळतो? मुळी ना! जी मुळी ना!! जी मुळी ना!!! हो जरा दूर व्हा! दाजीबा सांभाळा!!
|
२
|
वेखे पंडित ज्ञानी ध्यानी दया-धर्म दे बन्दे
राम नाम जपदे
खान्दे गौशाला दे चन्दे
ते कि मैं झूठ
बोलया कोई ना
ते कि मैं कुफ़र
तोलिया कोई ना
ते कि मैं ज़हर
घोलिया कोई ना भई कोई ना भई कोई ना
|
पंडित ज्ञानी ध्यानी पाहिले, दयाधर्मपथदूत रामनाम जपताती, चरती गोशाळा संचित काय मी खोटे बोलतो? मुळी ना! काय मी निंदा करतो? मुळी ना! काय मी विष घोळतो? मुळी ना! जी मुळी ना!! जी मुळी ना!!!
|
३
|
सच्चे फाँसी चढ़दे वेखे झूठा मौज उड़ाए
लोकी कैहंदे रब
दी माया मैं कहंदा अन्याय
ते कि मैं झूठ
बोलया? कोई ना!
ते कि मैं कुफ़र
तोलिया? कोई ना!
ते कि मैं ज़हर
घोलिया? कोई ना! भई कोई ना!! भई कोई ना!!!
|
सच्चे फाशी चढता दिसले, खोटा करतो चैन लोक म्हणती ही ईश्वरी लीला मी म्हणतो अन्याय काय मी खोटे बोलतो? मुळी ना! काय मी निंदा करतो? मुळी ना! काय मी विष घोळतो? मुळी ना! जी मुळी ना!! जी मुळी ना!!!
|