मूळ हिंदी गीतः हसरत जयपुरी, संगीतः शंकर जयकिसन, गायकः लता
चित्रपटः चोरीचोरी, सालः १९५६, भूमिकाः नर्गिस, राज कपूर
धृ
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पंछी बनूँ उड़ती फिरूँ मस्त
गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के
चमन में हिल्लोरी.. हिल्लोरी, हिलो हिलो हिलो री
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पक्षी बनू उडत फिरू मस्त गगनि मी आज मी स्वतंत्र आहे संसार उपवनी हिल्लोरी.. हिल्लोरी, हिलो हिलो हिलो री
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१
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ओ मेरे जीवन मे चमका सवेरा ओ मिटा दिल से वो गम का
अंधेरा ओ हरे खेतों में गाए कोई लहरा ओ यहाँ दिल पर किसी का न पहरा रंग बहारों, ने भरा, मेरे
जीवन में
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ओ माझ्या आयुष्यात झाली पहाट ओ मिटले दुःख, गेली अंधारी वाट ओ हिरव्या शेतात गातो कुणी वारा ओ मनावर नाही कुणाचाच पाहरा रंग बहारींनी, दिला, माझ्या जीवनी
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२
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ओ दिल ये चाहे बहारों से
खेलूँ ओ गोरी नदिया की धारों से
खेलूँ ओ चाँद सूरज सितारों से खेलूँ ओ अपनी बाहों में आकाश ले लूँ बढ़ती चलूँ, गाती चलूँ, अपनी
लगन में
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ओ मला वाटे बहारींशी खेळू ओ शुभ्र नदीच्याही धारेशी खेळू ओ चंद्र सूर्य आणि तार्यांशी खेळू ओ सारे आकाशच बाहूंत घेऊ पुढती चलू, गात फिरू, अंतःस्फूर्तीनी
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३
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ओ मैं तो ओढूँगी बादल का आँचल ओ मैं तो पहनूँगी बिजली की
पायल ओ छीन लूँगी घटाओं से काजल ओ मेरा जीवन है नदिया की हलचल दिल से मेरे, लहरें उठे, ठंडी
पवन में
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ओ पदर मेघाचा का मी न ओढू ओ पायी पैंजण का बिजलीचे घालू ओ निशेचे हिसकीन काळे मी काजळ ओ माझे जीवन ही सरितेची सळसळ उसळवती, मनी लहरी, गार झुळुकी
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