मूळ
हिंदी गीतः हसरत जयपुरी, संगीतः शंकर-जयकिसन, गायकः लता, मन्ना डे;
चित्रपटः
चोरीचोरी, सालः १९५६, भूमिकाः राज कपूर, नर्गिस;
मराठी अनुवादः नरेंद्र गोळे २०१५०९२३,
संस्कृत अनुवादः राजेंद्र भावे, मुंबई
॥
धृ
॥
|
लता
आ जा सनम मधुर चाँदनी मे
ह्म तुम
मिले तो विराने में भी आ
जायेगी बहार
झुमने लगेगा आसमाँ-२
कहता हैं दिल और मचलता है
दिल
मोरे साजन ले चल मुझे तारों
के पार
लगता नहीं हैं दिल यहाँ-२
|
लता
ये रे प्रिया, मधुर चांदण्यात
ह्या, भेटता
आपण, ह्या
सुन्या संसारी ये बहार
नाचू लागेल गगन रास -२
म्हणते हे मन, अन् उसळते
हे मन
साजणा घेऊन चल, मला तार्यांच्या
पार
लागे न मन ह्या जगात-२
|
लता
एहि रे प्रिय, मधुरचंद्रिकायाम्
नौ मिलेव निरस्तस्थले प्रमोदते मन:
[दोलायते मुदाम्बरम्] -२
आख्याति मन्मनश्चंचलायते,
नय हे मम हृदयेश्वर, मा
तारांगणपारम्
[रमते न हि मे मानसम्] -२
|
॥
१
॥
|
मन्ना
भीगी भीगी रात में दिल का
दामन थाम ले
खोई खोई जिंदगी हर दम तेरा
नाम ले
लता
चाँद की बहकी नजर कह रही
हैं प्यार कर
जिंदगी है इक सफर कौन जाने
कल किधर
मन्ना
आ जा सनम मधुर चाँदनी मे
ह्म तुम
मिले तो विराने में भी आ
जायेगी बहार
झुमने लगेगा आसमाँ-२
लता
कहता हैं दिल और मचलता है
दिल
मोरे साजन ले चल मुझे तारों
के पार
लगता नहीं हैं दिल यहाँ-२
|
मन्ना
भिजल्या
सर्द राती ह्या, मनाच्या पाठी जाऊ ये
सुटले,
हरले, हे जीवन, श्वासागणिक तव नाव घे
लता
चंद्राची
ढळती नजर, सांगते तू प्रीत कर
जीवनप्रवाही ना, कळे कुणा, उद्या कुठे
मन्ना
ये ग प्रिये, मधुर चांदण्यात
ह्या, भेटता
आपण, ह्या
सुन्या संसारी ये बहार
नाचू लागेल गगन रास -२
लता
म्हणते हे मन, अन् उसळते
हे मन
साजणा घेऊन चल, मला तार्यांच्या
पार
लागे न मन ह्या जगात-२
|
मन्ना
सिक्तायां यामिन्यांss चित्तांचलम्
आकर्ष मे
शून्यायुष्यं मदीयं त्वन्नाम हि नित्यं स्मरेत्
लता
[चंद्रप्रणयाक्षिणी सूचयत: प्रेम माम्
जीवनप्रवाहे जानीते क: श्व:]
मन्ना
एहि रे प्रिय, मधुरचंद्रिकायाम्
नौ मिलेव निरस्तस्थले प्रमोदते मन:
[दोलायते मुदाम्बरम्] -२
लता
आख्याति मन्मनश्चंचलायते,
नय हे मम हृदयेश्वर, मा
तारांगणपारम्
[रमते न हि मे मानसम्] -२
|
॥
२
॥
|
मन्ना
दिल ये चाहे आज तो बादल बन
उड जाऊँ मैं
दुल्हन जैसा आसमाँ धरती पर
ले आऊँ मैं
लता
चाँद का डोला सजे धूम तारों
मे मचे
झुमके दुनिया कहे प्यार मे
दो दिल मिले
दोनो
आ जा सनम मधुर चाँदनी मे
ह्म तुम
मिले तो विराने में भी आ
जायेगी बहार
झुमने लगेगा आसमाँ-२
लता
कहता हैं दिल और मचलता है
दिल
मोरे साजन ले चल मुझे तारों
के पार
लगता नहीं हैं दिल यहाँ-२
|
मन्ना
वाटे मनाला आज तर, उडू मेघ
होऊन काय मी
नवरीपरी काय आणू मी, नभ हे
असे धरतीवरी
लता
चंद्रमा-रथ हा सजे, मेळ तार्य़ांतही
घडे
नाचत दुनिया म्हणे, प्रेमात
जुळली मने
दोघे
ये ये प्रिया, मधुर चांदण्यात
ह्या, भेटता
आपण, ह्या
सुन्या संसारी ये बहार
नाचू लागेल गगन रास -२
लता
म्हणते हे मन, अन् उसळते
हे मन
साजणा घेऊन चल मला, तार्यांच्या
पार
लागे न मन ह्या जगात-२
|
मन्ना
चित्तं इच्छति अद्य मे, मेघो
भूत्वाsहमुड्डये
नवपरिणीताकाशं अवनीं गृहीत्वाsयाम्यहम्
लता
शशिशिबिका भूषिता, हर्षस्तारांगणे
विश्वं कथयेन्मुदा, प्रणये
मिलत: हृदौ
उभौ
एहि रे प्रिय, मधुरचंद्रिकायाम्
नौ मिलेव निरस्तस्थले प्रमोदते मन:
[दोलायते मुदाम्बरम्] -२
लता
आख्याति मन्मनश्चंचलायते,
नय हे मम हृदयेश्वर, मा
तारांगणपारम्
[रमते न हि मे मानसम्] -२
|